कोचिंग सेंटर कैसे शुरू करें ? How to Start a Coaching Center in India

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इस Competitive वर्ल्ड में अगर आप कोचिंग सेंटर बिज़नेस में कदम रखना चाहते हैं तो यह एक अच्छा आप्शन है क्यूंकि कॉम्पिटिटर तो हर बिज़नेस में मिलेगा ही और फिर आपको इसमें कितना कम्पटीशन मिलेगा यह आपके वर्क पैटर्न, फेसलिटीस और टीचिंग मेथड से तय होगा |

इसलिए अगर आप ग्रेट टीचिंग स्किल्स के साथ कोचिंग सेंटर ओपन करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं | इसके लिए आपके पास एजुकेशन सिस्टम की नॉलेज और पैशन होना चाहिए और इंडिया में कोचिंग सेण्टर ओपन करने के लिए आपको कोनसे बेसिक पॉइंट्स को ध्यान में रखना होगा वो सब हम इस आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं इसलिए इस ब्लॉग को पूरा जरुर पढ़े | तो चलिए शुरू करते हैं…

और जानते हैं के कोचिंग सेण्टर को ओपन करने के लिए इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स क्या हैं |

Table of Contents

कोचिंग सेण्टर क्या है (What is a Coaching Center)

कोचिंग सेण्टर में पढाये जाने वाले सब्जेक्ट्स को डीसाइड करना | अबकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के अकोर्डिंग कोचिंग सेण्टर स्टार्ट करने से पहले आपको यह decide करना होगा के आप कोन कोन से सब्जेक्ट्स को पढ़ाने वाले हैं | अगर आप एक से ज्यादा सब्जेक्ट्स में माह्रत रखते हैं तो आपको अपने लोकल एरिया पर थोडा रिसर्च करके पता लगाना चाहिए के स्टूडेंट्स कोन से सब्जेक्ट्स को पढना चाहते हैं |

कोचिंग सेंटर कैसे खोलें? बस रखें इन 11 बातों का ख़्याल!

1. पंजीकरण (Registration)

यदि आप छोटा कोचिंग सेंटर चालू करना चाहते हैं तो आपको किसी प्रकार की लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है । लेकिन बड़ी कोचिंग खोलने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। सालाना लाभ 9 लाख से अधिक होने पर ट्रेड लाइसेंस चाहिए होगा व पंजीकरण अनिवार्य हो जाता है और एक महीने में ही सेवा कर देय हो जाता है। यदि कोचिंग एक मात्र स्वामित्व है या कोचिंग संस्थान के रूप में है तो अलग – अलग मानदंडों में उसका पंजीकरण होगा।

2. विषय का निर्धारण (Subject)

कोचिंग सेण्टर चालू करने से पहले आपको उन विषयों का चयन करना होगा जिसे केंद्र में पढ़ाया जायेगा। क्योंकि जिन विषयों में आपकी योग्यता है, तो उन विषयों को उच्च स्तर पर पढ़ा पाएंगे। जितना अच्छा स्तर होगा और जितना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आप देंगे उतने अधिक विद्यार्थी दाख़िला लेंगे। या फिर थोड़ा शोध कीजिए की आपके इलाके में किस विषय की ज्यादा मांग है और कोशिश करें की ऐसे विषय को ढ़ूँढ़ पाएं जिसकी डिमांड अच्छी हो और उसके ट्यूटर मुश्किल से उपलब्ध हों। शुरुआत में फीस कम रख सकते हैं।

3. स्थान (Location)

सुनिश्चित करें की केंद्र ऐसी जगह चालू हो जहाँ पर परिसर अच्छा हो, शहर के केंद्र में हो और हर कोने से छात्र ट्रेन, बस या अन्य साधन द्वारा आसानी से वहां  पहुँच सकें।

4. संसाधन (Resources)

किसी भी व्यवसाय को चलाने के लिए संसाधनों की आवश्यकता तो होती ही है। जिसमे पाठ्यक्रम, पुराने पत्रों का परीक्षण, पाठ्यपुस्तक, पेपर, कैलकुलेटर और पेन जैसी कई सामग्रियां शामिल हैं। अध्ययन सामग्री या नयी किताबें खरीदने से बेहतर सेकंड हैंड लेना उचित होगा यह आपकी व्यय को काम करेगा।

5. मार्केटिंग (Marketing)

आपने विषय, स्थान और संस्थान चुन लिया इसके बाद बात आती है मार्केटिंग की। मार्केटिंग जो आपके कोचिंग सेंटर को बढ़ावा देगी। प्रतियोगिता के इस दौर में पहले से जड़ जमा चुकी संस्थानों को टक्कर देना बड़ी बात होती है। क्योंकि पहली बात तो यह की वो काफी समय से सेवा प्रदान कर रही हैं इसलिए उसका भरोसा विद्यार्थियों में बना हुआ है और आपका सेंटर नया है तब भरोसे की सम्भावना कम रहती है व ज्यादातर लोगों को आपके बारे में पता नहीं होता। उसके लिए आप विज्ञापन दे सकते हैं।

अपने सेंटर की मार्केटिंग वेबसाइट, सोशल मीडिया एकाउंट्स, बैनर विज्ञापन, समाचार पत्र, पम्पलेट, व्हाट्सप्प व अन्य कई साधनों के द्वारा कर सकते हैं। वहीँ ई-मेल, मैसेज द्वारा भी अपने लक्षित ग्राहकों को अपने सेंटर के बारे में बता सकते हैं।

6. फीस (Fees)

पहले से ही उपस्थित और भरोसा जीत चुके कोचिंग केंद्रों के मुकाबले खुद के सेंटर का मुकाम हासिल करना चुनौती पूर्ण काम है। इसलिए शुरुआत में बच्चों को आकर्षित करने के लिए कम फीस रख सकते हैं। एक बार जब विद्यार्थी आने लगें और उनको अच्छे लेवल की शिक्षा मिलेगी तो फिर आपको मार्केटिंग की जरुरत स्वतः कम हो जाएगी। आपका सबसे मजबूत नेटवर्क रेफ़्रेन्स का हो जायेगा। अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा से लोकप्रियता बढ़ेगी ही उसके बाद भविष्य में ट्यूशन फीस बढ़ा सकते हैं।

7. सक्षम कर्मचारी (Competent staff)

एक कोचिंग आप अकेले नहीं चला सकते इसके लिए आपको सह कर्मियों की जरुरत होती है। लेकिन किसी भी ट्यूटर को रखने से पहले सावधान रहे क्योंकि यह आपके कोचिंग पर असर करता है। इसके लिए जो विषय में कुशल और छात्रों की आवश्यकता के अनुसार पढ़ाता हो ऐसे सक्षम ट्यूटर को चुनें।

8. शिक्षण साधन (Teaching Aids)

सुनिश्चित करें की आपने जिन शिक्षकों को चुना है उन्हें शिक्षण साधनों का उपयोग अच्छे से आता हो। जिनमे व्हाइट बोर्ड या मार्कर के अलावा अन्य उपकरण जैसे चार्ट, वर्किंग मॉडल, ऑनलाइन मदद शामिल है। जिससे विद्यार्थियों की कक्षाएं प्रभावी होने के साथ – साथ दिलचस्प भी हो।

9. गुणवत्ता (Quality)

कुछ सेंटर केवल पैसों के लिए काम करते हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं देते। इसलिए आपको किसी भी परिस्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से समझौता नहीं करना चाहिए। इसलिए समय – समय पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शानदार शिक्षण माहौल और ट्यूटर्स के अध्ययन पर निरीक्षण करते रहें। ट्यूटर पर जितना ज्यादा अपडेट रहेंगे उतना ज्यादा बच्चों को लाभ होगा। समय – समय पर अनुभवी शिक्षकों से सलाह लेते रहें।

10. बुनियादी ढाँचा (infrastructure)

कोचिंग का बुनियादी ढाँचा पर्याप्त होना चाहिए। जिसमे अध्ययन सामग्री हो, बैठने की उचित व्यवस्था हो, पानी की व्यवस्था, बेंच, कुर्सी, टेबल, लाइट्स, पंखे  और वाशरूम शामिल हैं।

11. छात्रवृत्ति (Scholarship)

समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो ट्यूशन के खर्च वहन नहीं कर सकता। उस समबन्ध में आप छात्रवृत्ति भी दे सकते हैं।

कोचिंग चलाना भी बिज़नेस जैसा ही है। कुछ अंश पर अगर ध्यान दें तो यहाँ से भी लोकप्रियता हासिल कर सकते हैं। जैसे की –

  • सबसे अहम बात यह है की पढ़ाने का तरीका जितना आकर्षक होगा बच्चों को याद करने में उतनी ही सहायता होगी।
  • सामाजिक कार्यों में भाग लें और ज़रूरतमंद छात्रों को मुफ्त शिक्षा दें।
  • हर दिन अपने कौशल में सुधार करें।
  • नए-नए तरीकों से समझाएं, जरुरत पड़ने पर चार्ट, पेपर या अन्य चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कोचिंग सेंटर की छोटे और बड़े शहरों में मांग

आज हर किसी को नौकरी चाहिए परंतु नौकरी किसी को आसानी से नहीं मिल पाती है। इसके लिए आपको कई सारे बड़े-बड़े कंपटीशन से होकर गुजर ना होता है और उन कंपटीशन में आपको अच्छा परफॉर्मेंस देने के बाद ही आगे कुछ नौकरी पाने के लिए स्टेप पूरे करने होते हैं।

ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को पहले से ही भविष्य में आने वाले कंपटीशन के लिए तैयार नहीं करेंगे तो उसे नौकरी पाने में बहुत ही ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस बात को लगभग आज के समय में हर एक माता-पिता अच्छे तरीके से समझ रहे हैं, इसीलिए वे अपने एक बच्चे को अपने नजदीकी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करने के लिए भेजते हैं।

स्कूल के साथ-साथ लगभग हर एक बच्चा कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन करता ही है। जिस भी सब्जेक्ट में बच्चा कमजोर होता है, उस विषय से संबंधित आप उसे कोचिंग ज्वाइन करा सकते हैं और उसे कुछ विषय को मजबूत करने के लिए स्पेशल टीचर अच्छे से गाइड करते हैं और उस विषय में बच्चे को काफी हेल्प ही करते हैं।

इसके अलावा कई कई बड़े-बड़े कंपटीशन एग्जाम के लिए भी स्पेशल कोचिंग क्लासेस खोले जाते हैं, जिन्हें हर एक बच्चा ज्वाइन करना पसंद करता है।

अगर इन दृष्टिकोण से देखा जाए तो आज के समय में कोचिंग सेंटर खोलना हर समय के लिए लाभदायक हो सकता है। क्योंकि हर एक बच्चा स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी के बाद एक्स्ट्रा कोचिंग करता ही है ताकि उसे आगे अपने किसी पार्टिकुलर सब्जेक्ट में स्पेशल टीचर के जरिए गाइड मिल सके।

आज हमारे देश में धीरे-धीरे कोचिंग सेंटर खोले जा रहे हैं। परंतु छोटे शहरों में बहुत ही कम कोचिंग सेंटर बच्चों को आसानी से मिल पाते हैं, इसीलिए अगर आप एक अच्छी कोचिंग सेंटर खोलने की क्षमता रखते हैं तो आप कोचिंग सेंटर जरूर शुरू करें और इसे एक बिजनेस के रूप में भी आगे ले जाएं।

कोचिंग सेण्टर बिजनेस को सफल कैसे बनाएँ

इसमें कोई दो राय नहीं की वर्तमान में हर माता पिता एवं बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए वे अपनी हैसियत के मुताबिक अच्छे स्कूल में अपने बच्चों का एडमिशन तो कराते ही हैं।

लेकिन इसके बावजूद वे अपने बच्चों का भविष्य तैयार करने और वे पढाई में अच्छे नम्बरों से पास हों इसके लिए ट्यूशन पर खर्चा करने से भी नहीं कतराते हैं। लेकिन इतना जरुर है की वे अपने बच्चों के लिए किसी अच्छे कोचिंग सेण्टर का चुनाव जरुर करते हैं ।

इसलिए यदि आप खुद का कोचिंग सेण्टर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो अपने संभावित ग्राहकों की नजर में उसे अच्छा बनाने के लिए आप निम्नलिखित प्रयास जरुर कर सकते हैं।

  • अपने एरिया में बच्चों और लोगों के बीच अच्छी जानकारी रखने वाले अध्यापकों को अपने कोचिंग सेण्टर का हिस्सा बनाएँ। क्योंकि ऐसा देखा गया है की बच्चों के बीच जो अध्यापक पढ़ाने के लिए फेवरिट होते हैं वे उन्हीं से उस विषय विशेष का ट्यूशन लेना चाहते हैं।
  • किसी एक विशेष उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ही कोचिंग सेण्टर ओपन करें। जैसे यदि आप सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को ट्यूशन प्रदान करना चाहते हैं, तो सिर्फ इसी क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता बनाएँ। और यदि स्कूलों में पास होने या अधिक नंबर लाने के उद्देश्य से ट्यूशन पढ़ाना चाहते हैं, तो उसी में विशेषज्ञता हासिल करें।
  • यदि आप स्वयं एक शिक्षक हैं तो जिस विषय को जिस भी स्कूल में आप पढ़ाते हैं बच्चों को अच्छे ढंग से पढाएँ, ताकि उनके बीच या परसेप्शन बन सके की आप अच्छा पढ़ाते हैं । ऐसे में वे आपके कोचिंग सेण्टर में कोचिंग लेने स्वत: ही आएँगे।

ऐसे बच्चे जो किसी प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा में पास हो गए हों, अव्वल आये हों, या जिला राज्य स्तर पर अच्छे मार्क्स लाये हों। उन्हें सम्मानित करें और उनकी फोटो इत्यादि के माध्यम से अपने Coaching Center की मार्केटिंग करें

अपनें कोचिंग सेंटर की फीस तय करें

अगर आपनें अब तक बताये सभी कार्य कर चुके है तो अब आपका अंतिम कार्य अपनी कोचिंग की फीस का निर्णय करना है.

अपनी कोचिंग की फीस सोच समझकर तय करें. ध्यान रखे कि आपके कोचिंग की फीस आवश्यकता से अधिक न हो. लोगो को आपकी कोचिंग आवश्यकता से अधिक महंगी नही लगनी चाहिए.

यदि आपका कोचिंग सेंटर नया है तो कोशिस करें कि शुरुआत में आपकी कोचिंग की फीस आपके आस पास के अन्य कोचिंग सेंटर से कम हो.

लेकिन जैसे समय बढें तथा लोगो को आपके पढानें का तरीका पसंद आये, आप अपनी कोचिंग की फीस को बढा सकते है.

आपके कोचिंग सेंटर में जिन विषयों को अन्य कोचिंग सेंटर से अच्छा पढाया जाता है, आप उनकी फीस भी बढा सकते है.

अपनी कोचिंग की फीस तय करते समय इस बात का ध्यान रखे कि जिस विषयो की डिमांड अधिक है, उनकी फीस भी अधिक रखे. जैसे साइस, फिजिकस, रसायन विज्ञान, इकोनोमिक्स आदि.

इसके अलावा जिन विषयों की मांग कम हैजैसे इतिहास, भुगोल आदि विषयो की फीस कम रखे तथा अपनें कोचिंग की फीस अलग अलग कक्षाओ के लिए अलग अलग रखें.

आप कक्षा 8 वी तक के विद्यार्थियों के सभी विषयो के लिए 1000 से 1500 रुपयें फीस ले सकते है तथा कक्षा 8 वी से 12 वी तक के विद्यार्थियो के प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग फीस ले.

नीचे हमनें सारणी में कुछ विषयों की फीस के बारें में बताया है, जो कक्षा 8 वी से 12 वी तक के विद्यार्थियो से सामान्य रुप से ली जाती है.

कोचिंग का विषयअनुमानित फ़ीस
इतिहास300-400 Rupees
भूगोल300-400 Rupees
अकाउंट400-500 Rupees
केमिस्ट्री600-800 Rupees
बायोलॉजी600-800 Rupees
बिज़नस लॉ400-500 Rupees
मैथ्स400-500 Rupees
फिजिक्स600-800 Rupees
साहित्य300-400 Rupees
इकोनॉमिक्स400-500 Rupees
प्योर मैथ्स600-800 Rupees

कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी करवाने वाले कोचिंग सेंटर

आज के समय में स्कूल में दाखिला लेने से लेकर नौकरी पाने के लिए हमें हर जगह पर कंपटीशन का सामना करना पड़ता है और इन सभी क्षेत्रों में स्टूडेंट और एक रिक्रूटमेंट के लिए कंपटीशन एग्जाम आयोजित करवाए जाते हैं और उन कंपटीशन एग्जाम को क्लियर करने वाला ही कैंडिडेट किसी स्कूल में दाखिला ले पाता है या फिर नौकरी पा सकता है।

आज के समय में बहुत सारे कॉन्पिटिटिव एग्जाम करवाए जाते हैं और अगर आप चाहो तो किसी भी प्रकार के कॉन्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करवाने वाला कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं। आजकल इस प्रकार के भी कोचिंग सेंटर को खोले जा रहे हैं परंतु अभी भी छोटे शहरों में इस प्रकार की कोचिंग सेंटर ना के बराबर हैं।

Coaching Center के लिए विषय निर्धारित करें

उन्हें किन सब्जेक्ट्स में बहुत प्रॉब्लम आ रही है या उनके पास इसके लिए कोई एक्सपर्ट ट्यूटर या कोचिंग सेण्टर नहीं है | तो यह इक बेसिक और सबसे इम्पोर्टेन्ट स्टेप है क्यूंकि येही रिसर्च decide करेगी के आपका सेण्टर कितनी तेजी से रफ़्तार पकड़ सकेगा | अगर वो सब्जेक्ट्स जो डिमांड में हों उसे आप नहीं पढ़ा सकते हो तो आप उस सब्जेक्ट के एक्सपर्ट ट्यूटर के साथ भी शुरुआत कर सकते हैं |

यहाँ पर इम्पोर्टेन्ट यह है के अगर आपके पास लिमिटेड फण्ड है तो भी अपने लिमिटेड फण्ड में से आप चाहे बाकी फेसीलिटीस पर कम खर्च कर दीजिये लेकिन एजुकेशन की क्वाल्लिटीस से बिलकुल भी कोम्प्रोमाइस न करिए क्यूंकि येही आपको आगे बढ़ाएगी |

कोचिंग खोलने में लगने वाली लागत (Total cost to Start a Successful Coaching Center Business)

किसी कोचिंग को स्थापित करने की कुल लागत सबसे पहले इस बात पर निर्भर करता है कि आप कोचिंग कहां पर खोल रहे हैं. यदि आप अपनी कोचिंग अपने घर में खोल रहे हैं, तो आपके रूम के किराए का खर्चा बच सकता है. और आपको केवल इंटीरियर पर खर्च करने की आवश्यकता होती है.

यदि आप किसी मध्यम शहर में अपना कोचिंग खोलते हैं, तो इसके लिए आपको प्रति महीने कम से कम 2000 रूपए का किराया देना होता है. आप हालांकि रूम 6 महीने अथवा वर्ष भर के लिए लीज पर भी ले सकते हैं.

इसके अलावा आपको ब्लैकबोर्ड, एसी, कंप्यूटर सिस्टम, बैठने के लिए बेंच अथवा चेयर आदि पर खर्च करने की आवश्यकता होती हुई. इस तरह से किसी कोचिंग स्थापित करने के लिए न्यूनतम 60,000- 70,000 रूपए की लागत पहली बार आती है.

कोचिंग क्लास से होने वाला लाभ (Benefits)

एक बार निवेश कर लेने के बाद आपको इसके अंतर्गत लाभ ही लाभ प्राप्त होता हैं. आपको कोचिंग क्लास में कितना लाभ होगा ये आपकी पढ़ाने के तरीके पर निर्भर करता है.

क्यों कि अगर आपका पढ़ाने का तरीका अच्छा होगा तो अधिक संख्या में छात्र- छात्राएं आपके कोचिंग सेंटर पर आएंगे और आपको एक सीमा तक वाजिब फीस भी देंगे. तात्कालिक समय में कई कोचिंग सेंटर बेहतर प्रदर्शन करके एक अच्छा लाभ कमा रहे है.

आप चाहें तो एक दिन में कम से कम 6 बैच आसानी से पढ़ा सकते हैं, यदि एक बैच में क़रीब 20 विद्यार्थी हों तो आम तौर पर 500 रू की फीस पर आपको 10000 रूपए एक महीने में प्राप्त होता है. अतः आप 6 बैच रोज़ाना पढ़ा कर लगभग 60,000 रूपए आसानी से कमा सकते हैं.

सही लोकेशन का चुनाव करें

सेण्टर की लोकेशन decide करें | किसी भी बिज़नस की लोकेशन उसके प्रॉफिट और प्रोग्रेस को एफेक्ट करती है| इसलिए अपने कोचिंग सेण्टर के लिए सही लोकेशन चूस करें |

यानी अगर आप शहर के बीच में किसी अच्छी लोकेशन पर सेण्टर खोलेंगे तो ऐसा एनवायरनमेंट स्टूडेंट्स के लिए भी फेवरेबल ही रहेगा | और वो बड़ी आसानी से उस जगह पर पोहंच भी सकेंगे |

ये छोटी छोटी कम्फर्टस भी बहुत ज्यादा मेटर करते हैं | सही लोकेशन के साथ साथ आपके कोचिंग सेंटर में स्टूडेंट्स को सही facilities भी मिलनी चाहिए |जैसे के प्रॉपर सिटींग अरेंजमेंट, प्रॉपर स्पेस, लाइट जैसी बेसिक facilities जिन्हें आप अवॉयड नहीं कर सकते |

कोचिंग सेंटर का महत्व

Coaching Center Kaise Khole- कोचिंग सेंटर का महत्व तो हमारे जीवन में बहुत महत्व है सभी जानते है अपनी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए कोचिंग सेंटर का ही सहारा लिया जाता है आज हर व्यक्ति जो किसी भी प्रकार की स्टडी कर रहा है उसको कोचिंग सेंटर की जरूरत होती ही है और ज्यादा से ज्यादा जानकारी पाने के लिए हमे कोचिंग सेंटर का ही प्रयोग करना पड़ता है। Coaching Institute Kaise Khole Hindi

शिक्षा से व्यक्ति का ज्यादा विकास होता है इसलिए लोग शिक्षा को ज्यादा महत्व देते है और कोचिंग सेंटर में इसी चीज़ को सिखाया जाता है।

Coaching Center Kaise Khole- आज कोचिंग इंस्टिट्यूट एजुकेशन सिस्टम का बहुत जरूरी पार्ट बन चूका हैहम पिछले 5 साल की बात करे तो कोचिंग इंस्टीट्यूट की डिमांड 35% से 40% तक बढ़ी है तो यदि कोई भी कोचिंग इंस्टिट्यूट खोलना चाहता है तो वही कोचिंग इंस्टिट्यूट का काम किसी भी लेवल से शुरू कर सकते है यह उसके ऊपर डिपेंड करंता है की वह एक छोटे लेवल पर एक Private Tutor की तरह काम शुरू करेगा या एक प्रोफेशनल कोचिंग इंस्टिट्यूट खोलना चाहता है।

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